गढ़वा :- झारखंड का एक ऐसा जिला जो अपनी पहचान खुद बनाता है। एक ऐसा जिला जो अपने आप में कई सारे विशेषताओं को समेटी हुई है। जिसकी वजह से गढ़वा अक्सर सुर्खियों में रहने लगी है। और खूब सुर्खियां बटोर रही है। जिसका मुख्य कारण है, गढ़वा की विकसित होने की प्रकिया और बदलती तस्वीर। क्योंकि गढ़वा अब पहले वाली नही रहा, बल्कि अब डिजिटल डिस्ट्रिक्ट बन रहा है। खबर को आगे बढ़ाने से पहले हमे गढ़वा के साथ फैमिलियर होना होगा। जैसे - इसकी स्थापना कब हुई?, कितने प्रखण्ड है?, कितने पुलिस थानें है?, कितने अनुमंडल और कितने गांव शामिल है?
गढ़वा एक जिला है :- जिसमें शामिल है…….. जिला नाम :- गढ़वा जिला स्थापना :- 1 अप्रैल 1991 कुल अनुमंडल :- 3 (गढ़वा, रंका और नगर उटारी) कुल थानें :- 21 कुल प्रखण्ड :- 20 कुल गांव :- 915 गढ़वा जिला धार्मिक मंदिरों के लिए काफी प्रसिद्ध मानी जाती है।
तो अभी तक हमने गढ़वा के साथ फैमिलियर होने के लिए ओवरऑल सारी जानकारियां रिसीव कर ली है। तो चलिए फिर शुरू करते हैं आज के इस खबर को उससे पहले मेरा नाम है विकास और आप पढ़ रहे लाइट झारखंड…..
गढ़वा जिला ने रचा इतिहास, बन गया नदी से बड़ा डैम।
अन्नराज डैम, नाम तो सुना होगा या आप में से कई सारे लोगों ने तो अब तक विजिट भी कर लिया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, कुछ दिन बाद ही डैम में काफ़ी बदलाव आया है? अगर नहीं तो आइए जानते हैं कि आख़िर क्या बदलाव आया है? बोट, जी हां बोट। अब आप अन्नराज डैम में भी बड़े ही आसानी से बोटिंग कर पाएंगे। क्योंकि इस डैम में भी आ गए हैं कई सारे बोट।
मुख्यतः इसमें तीन तरफ के बोट शामिल है :- जिसमें पहले टाइप की बोट जिसे आप गोताखोर की सहायता से चला पाएंगे, वहीं दूसरी बोट आप अपने पैरों से साइकल की तरह चला पाएंगे और तीसरी जिसे आप अपनी हाथों से बाइक की तरह चला पाएंगे। आपके जानकारी के लिए बता दें कि, हर बोट जिसे हमने तीन भागों में बांटा है। सभी की टिकेट की प्राइस अलग अलग है, साथ ही सेप्टी की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।